आज अमित पांच वर्ष का हो गया है।
अमित के जन्मदिन की खुशी में उसके माता-पिता ने घर में कीर्तन रखा है। कीर्तन दोपहर को शुरू होकर शाम तक चला। कीर्तन समाप्त होने के बाद अमित ने अपने पिता से केक लाने के लिये कहा। वह अपने दोस्तों के बीच अपने जन्मदिन का केक काटना चाहता था।
इससे पहले कि उसके पिता केक लाते, घर में आए हुए मेहमानों ने उसे आज केक काटने से मना कर दिया। अमित केक काटने की जिद करने लगा, तब मेहमानों ने उसे समझाया कि, ‘‘बेटा आज घर में कीर्तन हुआ है। सभी लोगों ने प्रसाद खाया हुआ है। केक में अण्डा होता है इसलिए आज केक नहीं खाना चाहिए।’’
रात को खाने के समय बहुत से लोग खाने के साथ-साथ मदिरा का सेवन भी कर रहे थे और नशे में झूम रहे थे। सभी नाच-गाने में व्यस्त थे और मस्ती कर रहे थे किन्तु अमित दुखी मन अपने पिता के साथ बैठा यह सब देख रहा था।
मैं सोच रहा था यह वही लोग हैं जिन्होंने अभी कुछ देर पहले केक में अण्डा होने की बात कहकर अमित को केक काटने से मना कर दिया था। क्या भगवान शराब पीने के लिए मना नहीं करते?
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