विजय कुमार - मैं मोटरसाइकिल से सड़क पर जा रहा था। मेरी बगल से एक 10-12 साल का लड़का तेजी से अपनी बाइक से ओवरटेक करके निकल गया। मैंने देखा, उसने ऐसा ही अगली गाडि़यों के साथ भी किया।
मुझे अभी चार दिन पहले की घटना याद हो आई, जब एक लड़के की दुर्घटना इसी तरह हुई थी और लड़का अस्पताल में जिन्दगी और मौत से जूझता हुआ दम तोड़ गया था। उसके परिजनों ने तथा अन्य लोगों ने करीब 8-10 घंटे तक रोड जाम रखा था। रोड से निकलने वाली गाडि़यों को रोका भी और कुछ गाडि़यों को तो तोड़ा-फोड़ा भी। बेचारे राहगीर सारा दिन क्या, रात को भी रोड जाम की वजह से परेशान रहे। पुलिस भी भीड़ को काबू करने में नाकाम थी।
मैं सोच रहा था कि यदि इसी तरह बच्चे तेज रफ्तार से गाडि़यां चलाएंगे और मां-बाप बच्चों को समझाने की बजाय रोड जाम करेंगे तो हर दूसरे दिन रोड पर जाम ही लगा रहेगा और किसी न किसी....