रेयान इंटरनेशनल में आर्ट थैरेपी सत्र का आयोजन
मोहाली। प्रख्यात शिक्षाविद एवं कला व डिजाइनिंग के क्षेत्र में कई दशकों से सक्रिय चेतन सूद ने विद्यार्थियों के जीवन में आर्ट थैरेपी के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा है कि शिक्षकों को विभिन्न परिस्थितियों में छात्रों के व्यवहार को समझना चाहिए। उन्हें अपनी शिक्षण विधियों को प्रभावी ढंग से अपनाने के लिए सशक्त बनाना चाहिए। चेतन सूद मोहाली के रयान इंटरनेशनल स्कूल में शिक्षकों के लिए आयोजित आर्ट थैरेपी सत्र को संबोधित कर रहे थे।
सूद ने विभिन्न इंटरैक्टिव गतिविधियों का संचालन करते हुए प्रतिभागियों के बीच आत्म-विश्लेषण को प्रोत्साहित करने के लिए कला चिकित्सा तकनीकों का उपयोग किया। इन रचनात्मक अभ्यासों ने व्यवहार पैटर्न में अंतरदृष्टि प्रदान की और छात्रों के साथ बेहतर संचार को बढ़ावा देने के लिए उन्हें कैसे लागू किया जा सकता है।
इस सत्र ने सीबीएसई द्वारा सुझाई गई शैक्षिक रणनीतियों, जैसे कि व्यक्तिगत शिक्षा और गेमिफिकेशन के साथ भी तालमेल बिठाया, इन दृष्टिकोणों को कक्षा शिक्षण में एकीकृत करने के लिए व्यावहारिक सुझाव दिए। शिक्षकों ने सत्र को प्रेरित और अपने छात्रों की अनूठी जरूरतों को पूरा करने के लिए बेहतर ढंग से सुसज्जित महसूस किया। ‘चेतन्या:थेरेपी बाय आर्ट’ और ‘ब्रांडवोकेट’ के संस्थापक चेतन सूद छात्रों, पेशेवरों और कॉरपोरेट्स सहित विविध पृष्ठभूमि के व्यक्तियों के लिए मानसिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देते हैं, और इस तरह की चुनौतियों का समाधान करते हैं।
सत्र में बोलते हुए सूद ने कहा कि शिक्षक हमारे राष्ट्र के भविष्य को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। आर्ट थेरेपी न केवल उन्हें अपने छात्रों को बेहतर ढंग से समझने में मदद करती है, बल्कि उन्हें कक्षा में सहानुभूति, रचनात्मकता और भावनात्मक बुद्धिमत्ता को बढ़ावा देने के लिए उपकरणों से भी लैस करती है।