हिसार, 4 मार्च 2013 : प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय हिसार के द्वारा सैक्टर-14 में एक आध्यात्मिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए हिसार राजयोग केंद्र की संचालिका ब्रह्माकुमारी रमेश बहन ने कहा कि परमात्मा से प्राप्तियां प्राप्त करने के लिए बुद्धि रूपी बर्तन शुद्ध होना चाहिए परमात्मा को महल, गाडिय़ां, पैसे कुछ नहीं चाहिए वे केवल हमारी भावना के भूखे हैं। दिल में परमात्मा के प्रति श्रद्धा से सुबह उठकर प्रेम व लग्न से उनको प्रतिदिन याद करने से सब प्राप्तियां अपने आप हो जाती हैं। उनसे कुछ भी मांगने की जरूरत नहीं पड़ती। अपने लिए समय निकालना पड़ेगा, स्वयं को समय देना जरूरी है।
उन्होंने बताया कि रात को सोने से पहले परमात्मा से बातें करो और सारे दिन का हाल बताकर उनकी गोद में सो जाओ। उन्होंने बताया कि सबसे कड़ा संस्कार क्रोध का है। हमेशा मीठी वाणी बोलनी चाहिए। क्रोध नहीं करना चाहिए। क्रोधी व्यक्ति दुसरे को तो दु:ख देता है और खुद भी दुखी होता है। इसलिए न तो कभी क्रोध करो न किसी को दु:ख दो।
ब्रह्माकुमारी रेणू बहन ने भी प्रवचन करते हुए कहा कि आधुनिकता की चकाचौंध में मनुष्य प्रेम, शांति, शक्तियां खोता जा रहा है। भौतिक रूप से हम आगे बढ़ रहे हैं परंतु आध्यात्मिक रूप से पिछड़ते जा रहे हैं। आज से 20-25 वर्ष पहले लोग बड़े-बड़े परिवारों में सुख शांति से रहते थे परंतु आज दो जन भी रहते हैं तो दो चूल्हे जल रहे हैं। आज घरों में सुंदर-सुंदर लाइटें जल रही हैं लेकिन मन में अंधकार भरा पड़ा है। घर को ठंडा करने के लिए एयरकंडीशन है लेकिन मन की शीतलता का कोई इंतजाम नहीं किया है। रोज स्नान करते हैं परंतु मन में मैल भरा हुआ है। मन की सफाई भी प्रतिदिन करना आवश्यक है मन को साफ करने के लिए प्रतिदिन ईश्वर को याद करना बहुत जरूरी है। इस अवसर पर शिव ध्वज फहराया गया व काफी संख्या में श्रद्धालु मौजूद थे।