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सन्त निरंकारी मिशन द्वारा मुक्ति पर्व का आयोजन

Updated on Monday, August 18, 2014 12:32 PM IST

चण्डीगढ़ - निरंकारी मिशन द्वारा इन्सान को ब्रह्मज्ञान प्रदान कर उसे न केवल कर्म-काण्डों से मुक्ति दिलाई जा रही है बल्कि चौरासी लाख योनियों से भी छुटकारा दिलाया जा रहा है, ये उद्गार कल 15 अगस्त को यहां सैक्टर 30 में स्थित सन्त निरंकारी सत्संग भवन में मनाए गए मुक्ति पर्व के अवसर पर यहां के संयोजक श्री मोहिन्द्र सिंह ने हज़ारों की संख्या में उपस्थित श्रद्धालुओं को सम्बोधित करते हुए व्यक्त किए ।

 

श्री सिंह ने आगे कहा कि 15 अगस्त का दिन भारतवासियों के लिए अंग्रेज़ों के शासन से मुक्ति के साथ-साथ इन्सान की आवागमन के चक्कर से मुक्ति के रूप में भी मनाया जाता है । धार्मिक ग्रन्थों का हवाला देते हुए श्री सिंह ने कहा कि मानुष जन्म का मुख्य लक्ष्य भी यही है कि इन्सान इस संसार में रहते हुए अपनी जिम्मेवारियों को निभाने के साथ-साथ पूर्ण सत्गुरू की शरण में आकर इस सर्वव्यापी परमपिता परमात्मा की जानकारी हासिल करके अपनी आत्मा को चौरासी लाख योनियों से मुक्त करे ।

 

देहली में आयोजित मुक्ति पर्व के अवसर पर वहां उपस्थित विशाल जन-समूह को सम्बोधित करते हुए निरंकारी बाबा हरदेव सिंह जी महाराज ने कहा कि 15 अगस्त के दिन भारत को आज़ादी दिलाने में शहीद हुए नेताओं के साथ-साथ शहनशाह बाबा अवतार सिंह जी, उनकी धर्मपत्नी जगतमाता बुद्धवन्ती जी तथा अन्य अनेक महापुरूषों व भक्तों को श्रद्धा के सुमन भेंट करने व उनके जीवन से प्रेरणा लेने के लिए भी मनाया जाता है जिन्होंने जीवन पर्यन्त इस संसार के लोगों को यह प्रेरणा दी कि केवल ब्रह्मज्ञान द्वारा ही इस आत्मा को आवागमन के चक्कर से मुक्ति दिलाई जा सकती है।

 

इस अवसर पर अन्य अनेकों महात्माओं ने भी अपने भाव व्यक्त किए । अन्त में सभी गुरू का लंगर ग्रहण कर अपने अपने निश्चित स्थानों को लौट गए ।

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